दिल पे मत ले यार/ सच्चिदानंद
अफवाहों में ऐसी ताकत है कि मकतूल (जिसका कत्ल हुआ) वही कातिल मान लिए जा सकते हैं.
अफवाहों के फैलने की रफ्तार तरंगों जैसी है। हर लम्हा अफवाह कानों-कान लाखों लोगों को प्रभावित कर सकता है। इन दिनों गिरिडीह में बच्चा चोरों को लेकर भारी अफवाह है। इन अफवाहों की आंधी में कई जगहों पर अजनबियों की पिटाई हो रही है। बाद में जब अजनबियों की शिनाख्त होती है तो वे सीधे-साधे आदमी साबित होते हैं। बच्चा चोर होने के संदेह में अबतक जिले में आधे दर्जन लोगों की पिटाई हो चुकी है। जो हो, इन अफवाहों से तीन समूह खासा परेशान है। आम लोगों में इससे दहशत है तो दूसरी ओर पुलिस वालों और दुर्गा पूजा में सक्रिय हो जाने वाले चोरों के समुदाय की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। गांवों-कस्बों में आम लोगों की हालत ऐसी है कि वे बच्चों की हिफाजत को लेकर पहरा देते हुए रतजगा कर रहे हैं। जबकि पुलिस की मुश्किलें इतनी बढ़ी हैं कि पुलिस कप्तान को प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर लोगों के लिए अपील जारी करनी पड़ी। उधर अमूमन दुर्गा पूजा में सक्रिय हो जाने वाले चोरों के समूह को अबतक चोरी में एक बकरा भी हाथ नहीं लग सका है। वरना हरेक साल बकरों की चोरी से संबंधित कई शिकायतें आती थीं। दूसरे तरीकों की चोरी भी पूजा के करीब आते ही बढ़ती रही है। लेकिन, इस बार फिलहाल चोरी के ऐसे मामले शायद इसलिए सामने नहीं आए कि चोरों में भी अफवाह से दहशत है कि कहीं उनपर भी बच्चा चोर होने का संदेह पैदा नहीं हो जाए। दरअसल, पिछले दिनों जेरियागादी में चार अपराधियों की चोर समझ कर लोगों ने जमकर पिटाई की थी।
अफवाहों का पिटारा वह आदमी
राजनीति में लाल व हरे झंडे की मैत्री के एक साथी की कुछ अलग ही फितरत है। उन्हें कुछ शातिर लोग जरिया बनाते रहे हैं। किसी को कोई बात फैलानी हो तो वे उनके पास चर्चा कर देते। देखते-देखते दो घंटे के भीतर वह बात शहर भर में फैल जाती। डेढ़ दशक पहले जब ज्योति बसु को पीएम बनने से सीपीएम की पोलित ब्यूरो ने रोक लिया तो शहर के कुछ शरारती लोगों ने उन्हें खबर की झूठी अपडेट दी कि अब एक क्षेत्रीय पार्टी (अविभाजित बिहार) के फलां नेता अगले पीएम होंगे। यह अफवाह ऐसी फैली कि उस क्षेत्रीय पार्टी से जुड़े नेताओं ने गिरिडीह में विजय जुलूस निकालने की तैयारी तक कर ली। अबीर-गुलाल तक मंगाए गए। आतिशबाजी का जुगाड़ भी किया जा रहा था। लेकिन, जिले के एक नेता ने फोन घुमा कर पता किया तो पूरी बात अफवाह साबित हुई।
तब नदी में कूद पड़े सज्जन
एक दार्शनिक किस्म के सज्जन भी बीते रोज अफवाहों की चपेट में आ गए। लेकिन, उनकी पिटाई होते-होते बच गई। क्योंकि, वे च्बच्चा चोर-बच्चा चोरज् की आवाज सुनते ही पुल से नदी में कूद गए। वरना भारी फजीहत होती। यहां दरअसल, च्गोद में बच्चा और नगर ढिंढोराज् वाली बात हो गई। सिहोडीह में बच्चे के गायब होने की बात पर लोग जुट गए। ऊपर से अफवाह अलग। सो, सिहोडीह से उठी भीड़ हरवे-हथियारों संग पुल की ओर दौड़ पड़ी। इसी बीच पुल पर खड़े होकर नदी की कल-कल धारा को देख सिगरेट पीने के आदी दवा कारोबार से जुड़े एक सज्जन धुंए का छल्ला निकाल रहे थे। च्बच्चा चोरज् का शोर सुनकर उनके होश उड़ गए। आखिर करें तो क्या। पकड़े गए तो आफत। कोई सफाई नहीं चलेगी। भागे भी तो खैर नहीं। सो, वे पुल से नदी में कूद पड़े। हल्की चोट जरूर लगी, लेकिन जान बच गई।
...और अंत में
महिलाओं के नामों से मिलते-जुलते नाम भी परेशानी में डालते हैं। ऐसे नाम अगर नेताओं के हों तो और आफत। कांग्रेस व झाविमो के एक-एक नेता के नाम महिलाओं जैसे हैं। सो, उन्हें कुछ दिन महिला नेता लिखा गया। बाद में जब वे प्रकट हुए तो समस्या का स्थाई समाधान हो सका।