शुक्रवार, 15 नवंबर 2019

#Politicalgossip: मेहरारू लोगन ने भी कसी कमर, कहा – दारू और चिखना मरद लोगन के भेंटायेगा तो मरदे लोगन से भोट ले नेताजी

कार्टून गूगल से साभार
धनबाद में इस बार मेहरारू लोगन भी कमर कस लिया है. आखिर हो भी क्यों नहीं भैयानारी सशक्तीकरण का जमाना जो है! एकर शुरुआत इहे लोकसभा चुनाव से हो गया है. बात धनेसर महतो के घर से उठी और पूरे इलाके में फैल गयी. मेहरारू लोगन ने सवाल खड़ा किया. भोट आते ही मरद लोगन के दारू आ चिखना मिले लगता है लेकिन मेहरारू लोगन के का मिलता है. खाली टेंशनमरदाबा नशे में धुत्त होकर आवेगा और लाट-गभरनर की तरह बतियायेगा. सो मेहररारू लोगन ने साफ कह दिया कि दारू और चिखना मरद लोगन के भेंटायेगा तो मरदे लोगन से नेताजी भोट ले. औरत लोगन के पास काहे ला हाथ जोड़े खातिर आता है. बात लोकसभा चुनाव के अंतिम दौर में उठी. नेता लोगन के भी लगा नहीं, मेहरारू लोगन के बात भी सहिये है. सो लोकसभा चुनाव के आखिरी दौड़ में सबके घर में मुर्गा भेजवाया गयासाथ ही दो-दो रुपैया भी

ऐसा भी मुर्गा बनता है क्या...

विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही ई मेहरारू लोगन की मोर्चाबंदी भी सामने आ गयी है. मेहरारू लोगन ने साफ कह दिया है कि इस बार ऐसा नहीं चलेगा. मरद लोगन के का है. दू-तीन गिलास दारू पिया आ फुच्च हो गया. सिरिफ लेग पीस बुझाता है ओकरा लोगन केबाकी नून-हरदी है कि नहीं एकरा से का मतलब है ओकरा सबकेपिछलका चुनाव में जो घरे-घरे मुर्गा बंटाया था ऊ कनियों खाय लायक था क्या. खाली छर-छर पानीनून-हरदी का कोई ठिकाना नहीं. कोनो पीस एकदम गलले आ कोनो पीस एकदम कठगरे. ऐसा भी मुर्गा बनता है क्या

कम से कम पांचो सौ टका दे तो बात बने

इस बार ऐसा एकदम्मे नहीं चलेगा. मुर्गा खिलाता है तो तनी निम्मन से खिलावे. आ खाली मुर्गे काहेबजार में खस्सी का मांस भी तो मिलता है. थोड़ा महंगा है लेकिन नेता लोगन के लिए का महंगा का सस्ता. पांच साल तक तो खाली अपन बखारिये भरता है. त आब खोले अपन बखारी आ खियाबे मटनइस बार तो मटन खियाना ही पड़ेगा. ऐसा नहीं चलेगा. और पिछला भोट में नेताजी के यहां से क्या आया थाखाली दू सौ टकाई दू सौ टका से का होता है इस जमाने मेंदूगो ढंग का लिपस्टिक लिये आ खत्मचूड़ी-लहठी, टिकली सिंदूर, स्नो पाउडर ई सब भी तो मेहरारू लोगन के चाहिये. दू सौ टका में का होगा…. कम से कम पांचो सौ टका दे तो बात बने...

- सच्चिदानंद